लगभग 15 साल बाद 26/11 का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा भारत लाया गया। जानिए पूरा घटनाक्रम, NIA की रणनीति और इसका दुनिया पर असर।
तहव्वुर राणा कौन है? 26/11 का वो चेहरा जो कैमरे से दूर रहा
तहव्वुर हुसैन राणा, जो पाकिस्तान में पैदा हुआ और कनाडा का नागरिक है, 26/11 हमलों में एक चुपचाप लेकिन बेहद अहम किरदार रहा। डेविड हेडली को भारत में रेकी करने के लिए राणा ने अपने इमीग्रेशन बिज़नेस का इस्तेमाल कर छुपाया।
“उसने बंदूक नहीं चलाई, पर बंदूकधारियों के लिए दरवाज़ा ज़रूर खोला।”
घटनाओं की समयरेखा – शिकागो से दिल्ली तक
2008 – जब मुंबई कांप उठी
- 166 लोग मारे गए, 300+ घायल
- हेडली की गिरफ्तारी से राणा का नाम सामने आया
2011 – अमेरिका में सज़ा
- आतंकी संगठनों की मदद के लिए दोषी करार
- अमेरिका ने तुरंत प्रत्यर्पण नहीं किया
2020 – भारत की औपचारिक मांग
- NIA ने साक्ष्य जुटाकर कानूनी मांग की
- भारत सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर दबाव डाला
2023 – अमेरिका की अदालत ने दी मंजूरी
- राणा की अपील खारिज, भारत आने का रास्ता साफ
2025 अप्रैल – दिल्ली में लैंडिंग
- IGI एयरपोर्ट पर हाई सिक्योरिटी में लाया गया
- NIA हेडक्वार्टर में रखा गया, 24×7 निगरानी में
ये प्रत्यर्पण भारत और दुनिया के लिए क्यों अहम है?
- ग्लोबल संदेश: आतंक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग मुमकिन है
- पीड़ितों को इंसाफ: 26/11 के शहीदों के परिवार को closure मिला
- स्ट्रैटेजिक सफलता: ISI और sleeper cells की पोल खुल सकती है
NIA किन सवालों पर करेगी पूछताछ?
- ISI से राणा के कनेक्शन
- हेडली के साथ मिलीभगत और फंडिंग नेटवर्क
- भारत में छिपे आतंकियों की जानकारी
- लेटेस्ट स्लीपर सेल्स की जानकारी
राजनीतिक और भावनात्मक असर
“ये सिर्फ कानूनी कार्रवाई नहीं, ये एक जख्मी देश की आत्मा को सुकून देने वाली खबर है।”
- सरकार ने इसे बड़ी कूटनीतिक जीत बताया
- विपक्ष ने कहा – यह प्रक्रिया पहले से चल रही थी
आगे क्या? ट्रायल, पूछताछ और नए खुलासे
- कोर्ट से रिमांड मांगी जा चुकी है
- UAPA और साजिश जैसे गंभीर आरोप लगेंगे
- FBI, RAW, Mossad से साझा जांच की उम्मीद
आतंक के खिलाफ भारत का संदेश – कभी देर नहीं होती इंसाफ के लिए
“तू भाग सकता है, मगर बच नहीं सकता। 15 साल बाद भी, इंसाफ मिलेगा।”
राणा की वापसी सिर्फ एक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं है – यह हर उस जान को इंसाफ देने की कोशिश है जो 26/11 में खो गई।