आज के डिजिटल ज़माने में हम सब अपने स्मार्टफ़ोन में पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों तरह की जानकारी रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका फ़ोन बिना आपकी इजाज़त के कोई हैक कर सकता है?
Pegasus Spyware एक ऐसा ही ख़तरनाक सॉफ़्टवेयर है जो बिना किसी क्लिक के आपका पूरा फ़ोन कंट्रोल कर सकता है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे:
- Pegasus क्या है?
- ये कैसे काम करता है?
- इसकी पहचान कैसे करें?
- और सबसे ज़रूरी: आप अपने फ़ोन को इससे कैसे बचा सकते हैं?

Pegasus Spyware क्या है?
Pegasus एक हाईली एडवांस्ड स्पायवेयर है, जिसे Israel की NSO Group ने बनाया है।
ये सॉफ़्टवेयर किसी भी स्मार्टफ़ोन (Android या iPhone) को चुपचाप हैक कर लेता है और:
- मैसेज, कॉल्स, फोटो, लोकेशन को ट्रैक करता है
- माइक और कैमरा बिना बताए ऑन कर सकता है
- WhatsApp, Signal, Gmail, Telegram जैसे सिक्योर ऐप्स को भी एक्सेस कर सकता है
NSO Group का कहना है कि ये टूल सिर्फ़ सरकारी एजेंसियों को दिया जाता है आतंकवाद और क्राइम रोकने के लिए।
Pegasus कैसे काम करता है?
शुरुआत में Pegasus को चलाने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करवाना पड़ता था (क्लिक-बेस्ड अटैक)।
लेकिन अब Zero-click Attack भी पॉसिबल है – यानी यूज़र को कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं होती और स्पायवेयर अंदर घुस जाता है।
Attack Methods:
- WhatsApp कॉल के ज़रिए
- iMessage एक्सप्लॉइट (iPhone के लिए)
- Malicious SMS या ईमेल
- Network Injection (जब आप पब्लिक Wi-Fi यूज़ करते हैं)
Pegasus के लक्षण: कैसे पता करें कि फ़ोन में है या नहीं?
Pegasus बैकग्राउंड में काम करता है, इसलिए इसका पता लगाना मुश्किल है। फिर भी कुछ संकेत मिलते हैं:
- बैटरी तेज़ी से खत्म हो रही हो
- फ़ोन बिना वजह गरम हो रहा हो
- इंटरनेट डेटा बिना यूज़ के ज़्यादा चल रहा हो
- ऐप्स क्रैश कर रहे हों या अपने-आप खुल रहे हों
- माइक/कैमरा खुद-ब-खुद एक्टिव हो रहा हो
- अनजान बैकग्राउंड प्रोसेस दिख रहे हों
नोट: ये सारे लक्षण Pegasus के अलावा दूसरे मैलवेयर में भी हो सकते हैं, पर अगर ये एकसाथ हो रहे हैं, तो सावधानी ज़रूरी है।
Pegasus को डिटेक्ट कैसे करें?
A. Mobile Verification Toolkit (MVT):
- Amnesty International ने डेवलप किया है
- iPhone बैकअप या Android लॉग्स का फॉरेंसिक स्कैन करता है
- टेक्निकल नॉलेज ज़रूरी होती है, लेकिन ये ट्रस्टेड टूल है
B. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स से मदद लें:
अगर आप Journalist, Activist या पब्लिक फिगर हैं, तो किसी डिजिटल फॉरेंसिक लैब या साइबर NGO से मदद लेना बेहतर रहेगा।
Pegasus पर लेटेस्ट खबरें (2025)
- 2021 में Pegasus का इस्तेमाल भारत में कई पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स पर हुआ था
- 2025 में इसका नया वर्ज़न “Pegasus-X” सामने आया है जिसमें AI-बेस्ड ट्रैकिंग फ़ीचर्स भी हैं
(इस सेक्शन को आप हर महीने अपडेट कर सकते हैं – SEO के लिए फायदेमंद रहेगा)
Pegasus जैसा स्पायवेयर टेक्नोलॉजी का खतरनाक पक्ष है। फ़ोन हमारी सबसे निजी चीज़ है, इसलिए उसकी सुरक्षा बेहद ज़रूरी है। अगर आप थोड़ा सतर्क रहें, ट्रस्टेड ऐप्स यूज़ करें और समय-समय पर जाँच करते रहें, तो आप खुद को Pegasus जैसे ख़तरों से सुरक्षित रख सकते हैं।
Pegasus से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)
आम नागरिकों को आमतौर पर टारगेट नहीं किया जाता, लेकिन अगर आप पत्रकार, नेता या एक्टिविस्ट हैं, तो रिस्क ज़्यादा हो सकता है।
नहीं, Pegasus बहुत एडवांस्ड स्पायवेयर है और आम Antivirus इसे पकड़ नहीं सकते।
कुछ मामलों में हां, लेकिन कुछ वर्ज़न रिसेट के बाद भी मौजूद रह सकते हैं।